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भलाई की भी अपने आप आदत जाग जाती है


ग़ज़ल
किसी इंसान के दिल में तिजारत जाग जाती है।
भलाई की भी अपने आप आदत जाग जाती है।।

भलाई  जब  करे  कोई,  दुआएं  लोग  देते  हैं।
दुआओं के सहारे सोई किस्मत जाग जाती है।।

कड़ी मेहनत से किस्तम को बदलते हमने देखा है।
अगर हो भावना सच्ची तो बरकत जाग जाती है।।

अदीब इंसान की बातें हमेशा काम आतीं हैं।
हमेशा सोई रहती वो सियासत जाग जाती है।।

तरक्की उस वतन की रोक सकता है भला कोई।
जहां बेचैन होती है हुकूमत जाग जाती है।।

बुराई पर भलाई जब कभी भी होती है काबिज।
बुरे लोगों में भी सोई शराफत जाग जाती है।।

अदावत भूल कर रावत गले मिल कर जरा देखो।
भुला नफरत हर इक दिल में मोहब्बत जाग जाती है।।

रचनाकार
भरत सिंह रावत भोपाल
7999473420
9993685955

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8 Comments

Seema Priyadarshini sahay

05-Dec-2021 01:11 AM

बहुत खुबसूरत

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Bahut khub

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Punam verma

03-Dec-2021 09:01 AM

Nice lines

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